भरतपुर, ब्रज क्षेत्र में स्थित, राजस्थान का वह शहर है जो प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। मथुरा से मात्र 38 किमी दूर स्थित यह शहर स्वर्ण पर्यटन त्रिकोण (दिल्ली–आगरा–जयपुर) का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।


केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान – पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग

1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित और 1985 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध केवलादेव अभयारण्य भरतपुर की पहचान है।

  • यहाँ 370 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • साइबेरियन क्रेन जैसी दुर्लभ प्रजातियाँ कभी यहाँ की शान हुआ करती थीं।
  • सर्दियों में यहाँ हजारों प्रवासी पक्षी आते हैं।
  • यह स्थान पक्षी फोटोग्राफी, साइकिल राइड और रिक्शा सफारी के लिए प्रसिद्ध है।

लोहागढ़ किला – जाट शौर्य का प्रतीक

18वीं सदी में महाराजा सूरजमल द्वारा निर्मित यह किला भारत के सबसे मजबूत किलों में गिना जाता है।

  • अंग्रेजों के कई हमलों के बावजूद यह किला अजेय रहा।
  • किले के भीतर संग्रहालय, गोपाल भवन और कई प्राचीन स्मारक हैं।
  • यह भरतपुर के गौरवशाली इतिहास का जीवंत उदाहरण है।

डीग पैलेस – राजसी वैभव की झलक

भरतपुर से लगभग 34 किमी दूर स्थित डीग पैलेस जाट शासकों की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करता था।

  • यहाँ के भव्य महल, फव्वारे और उद्यान मुगल और राजपूत स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
  • गोपाल भवन, कुमुद भवन और सूरज भवन यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं।
  • सावन-भादो उत्सव के दौरान यहाँ के फव्वारे पानी और रंगों की धारा छोड़ते हैं, जो आगंतुकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।

बांध बरेठा – जलाशयों की भूमि

भरतपुर से लगभग 45 किमी दूर स्थित बरेठा राजस्थान के प्रमुख जलाशयों में से एक है।

  • यहाँ तीन प्रमुख बाँध हैं – काचपूरा, पार्वती और बरेठा बाँध।
  • यह क्षेत्र वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग है क्योंकि यहाँ तेंदुए, सियार और कई प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं।
  • यहाँ की झीलें पानी का प्रमुख स्रोत हैं और गर्मियों में भी यहाँ पानी उपलब्ध रहता है।

सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

  • ब्रज संस्कृति की झलक यहाँ के उत्सवों और लोकगीतों में देखने को मिलती है।
  • होली, जन्माष्टमी और गणगौर के समय यह क्षेत्र रंगों और भक्ति से भर जाता है।

रणनीतिक और पर्यटन महत्व

  • भरतपुर दिल्ली, आगरा और जयपुर से सड़क और रेल द्वारा सीधे जुड़ा है।
  • यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का हिस्सा है।
  • स्वर्ण पर्यटन त्रिकोण में होने के कारण यह घरेलू और विदेशी दोनों पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण है।

पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण – सारणी

स्थान                                             विशेषता                                                                                                                                         
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान 370+ पक्षी प्रजातियाँ, विश्व धरोहर स्थल, प्रवासी पक्षियों का ठिकाना
लोहागढ़ किला अजेय किला, जाट वीरता का प्रतीक, संग्रहालय और स्मारक
डीग पैलेस ग्रीष्मकालीन राजधानी, भव्य महल, फव्वारे और मुगल-राजपूत स्थापत्य
बांध बरेठा जलाशय, तेंदुआ और प्रवासी पक्षियों का प्राकृतिक निवास
ब्रज उत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य और लोकगीत

भरतपुर पर्यटन का अनुभव केवल प्राकृतिक सुंदरता देखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इतिहास, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का एक अद्भुत मिश्रण है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, लोहागढ़ किला इतिहास प्रेमियों के लिए गौरवगाथा है, डीग पैलेस राजसी वैभव का अनुभव कराता है और बांध बरेठा प्रकृति तथा रोमांच प्रेमियों के लिए उत्कृष्ट गंतव्य है।

 

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