राजस्थान की खूबसूरत रेगिस्तानी धरती सिर्फ महलों और किलों के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यहाँ के राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य और प्राकृतिक परिदृश्य भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यदि आप वन्यजीवों के करीब रहकर प्रकृति का अनुभव करना चाहते हैं, तो राजस्थान में वन्यजीव और प्रकृति प्रवास के लिए कुछ बेहतरीन इको रिसॉर्ट्स और होटल उपलब्ध हैं।

यहाँ हम राजस्थान के कुछ चुनिंदा वन्यजीव और प्रकृति-थीम आधारित स्टे विकल्पों की जानकारी दे रहे हैं, जो आपको पर्यावरण-अनुकूल और विलासिता का अनुभव कराते हैं।


1. SUJÁN JAWAI CAMP (जवाई, पाली)

विशेषताएँ:

  • यह एक अल्ट्रा-लक्सरी टेंटेड कैंप है, जो जवाई के तेंदुओं और अद्वितीय परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है।
  • यहाँ जंगल सफारी, गांव पर्यटन, और बर्ड वॉचिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
  • रिसॉर्ट पूरी तरह से सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देता है और स्थानीय समुदायों को सहयोग प्रदान करता है।

📍 स्थान: जवाई, पाली
💰 औसत कीमत: ₹40,000-₹75,000 प्रति रात


2. HOTEL CASTLE JHOOMAR BAORI (रणथंभौर, सवाई माधोपुर)

विशेषताएँ:

  • यह ऐतिहासिक होटल रणथंभौर नेशनल पार्क के पास स्थित है और इसे पूर्व में शाही परिवार द्वारा शिकार महल के रूप में उपयोग किया जाता था।
  • यह पर्यटकों को बाघों और अन्य वन्यजीवों को करीब से देखने का अवसर प्रदान करता है।
  • रिसॉर्ट राजस्थानी शाही वास्तुकला और आधुनिक सुविधाओं का शानदार मिश्रण है।

📍 स्थान: सवाई माधोपुर
💰 औसत कीमत: ₹7,000-₹12,000 प्रति रात


3. BHARATPUR FOREST LODGE (केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान, भरतपुर)

विशेषताएँ:

  • यह लॉज केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के प्रवेश द्वार के पास स्थित है और यह बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए स्वर्ग है।
  • यहाँ आप सर्दियों में साइबेरियन क्रेन सहित हजारों प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं।
  • रिसॉर्ट पूरी तरह से इको-फ्रेंडली है और जैव विविधता संरक्षण में योगदान देता है।

📍 स्थान: भरतपुर
💰 औसत कीमत: ₹3,500-₹6,000 प्रति रात


4. TIGER’S DEN HOTEL (रणथंभौर, सवाई माधोपुर)

विशेषताएँ:

  • यह होटल रणथंभौर नेशनल पार्क के बेहद नजदीक स्थित है और यहां साफ-सुथरे कॉटेज और स्विमिंग पूल की सुविधा उपलब्ध है।
  • यहां से आप जीप सफारी के माध्यम से बाघों को देखने का शानदार अनुभव ले सकते हैं।
  • होटल आयुर्वेदिक मसाज और योग सेशंस भी प्रदान करता है।

📍 स्थान: सवाई माधोपुर
💰 औसत कीमत: ₹5,000-₹10,000 प्रति रात


5. BANDH BARETHA ECO RESORT (भरतपुर)

विशेषताएँ:

  • यह रिसॉर्ट वन्यजीवों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक छिपा हुआ रत्न है।
  • यह भरतपुर के पास स्थित एक शांतिपूर्ण इको-रिसॉर्ट है, जो पक्षियों और हरियाली से भरपूर है।
  • रिसॉर्ट सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण को बढ़ावा देता है।

📍 स्थान: भरतपुर
💰 औसत कीमत: ₹2,500-₹4,000 प्रति रात


6. RAMTHARA FORT (करौली)

विशेषताएँ:

  • यह 350 साल पुराना किला एक बुटीक हेरिटेज स्टे के रूप में विकसित किया गया है।
  • यहाँ से कैलादेवी अभयारण्य और रामथरा झील का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
  • रिसॉर्ट में ऑर्गेनिक फार्मिंग, ऊँट सफारी और किले के ऐतिहासिक दौरे का आनंद लिया जा सकता है।

📍 स्थान: करौली
💰 औसत कीमत: ₹10,000-₹18,000 प्रति रात


7. JAISAMAND ISLAND RESORT (जयसमंद झील, उदयपुर)

विशेषताएँ:

  • यह एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील जयसमंद के बीच एक द्वीप पर स्थित है।
  • यहाँ से झील के अद्भुत नज़ारे के साथ शांत और विलासितापूर्ण प्रवास का अनुभव मिलता है।
  • रिसॉर्ट नौका विहार, फिशिंग, और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।

📍 स्थान: उदयपुर
💰 औसत कीमत: ₹7,000-₹15,000 प्रति रात


8. THE OBEROI VANYAVILAS WILDLIFE RESORT (रणथंभौर, सवाई माधोपुर)

विशेषताएँ:

  • यह भारत के सबसे लक्ज़री वाइल्डलाइफ रिसॉर्ट्स में से एक है।
  • यहाँ स्वतंत्र टेंटेड विलाज़ हैं, जो बेहतरीन इंटीरियर और आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।
  • रणथंभौर नेशनल पार्क के नजदीक होने के कारण यहाँ बाघों को देखने का शानदार अवसर मिलता है।

📍 स्थान: रणथंभौर
💰 औसत कीमत: ₹45,000-₹80,000 प्रति रात


9. BRIJ LAXMI SAGAR PALI (पाली)

विशेषताएँ:

  • यह लक्ज़री इको-रिसॉर्ट पारंपरिक राजस्थानी वास्तुकला और आधुनिक सुविधाओं का अद्भुत संयोजन है।
  • यहाँ निजी झील, ऊँट सफारी, और स्थानीय जैव विविधता का अनुभव किया जा सकता है।
  • यह रिसॉर्ट स्थानीय समुदायों और कारीगरों को सहयोग प्रदान करता है।

📍 स्थान: पाली
💰 औसत कीमत: ₹12,000-₹25,000 प्रति रात


यदि आप राजस्थान में वन्यजीवों और प्रकृति के करीब रहकर विलासिता का अनुभव लेना चाहते हैं, तो ये वन्यजीव और प्रकृति प्रवास स्थान आपके लिए बेहतरीन विकल्प हैं। ये रिसॉर्ट्स न केवल आपको शानदार सेवा प्रदान करेंगे, बल्कि प्रकृति संरक्षण में भी योगदान देंगे।

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